गामा किरणे दुनिआ की सबसे खतरनाक मानी जाने वाली विद्युत चुम्बकीय विकिरण है , इन्हे फोटान श्रेणी का भी कहा जा सकता है , गामा किरणों की ऊर्जा का स्तर सभी ज्ञात विकिरणों से अधिक होता है ,ये अत्यंत घातक कही जा सकती है। GAMMA RAY Burst अंतरिक्ष की एक अत्यंत शक्तिशाली ,विस्फोटक और विनाशक घटना होती है। इस विस्फोट में इतनी उर्जा निकलती है जितनी उर्जा हमारा सूर्य अपने पूरे जीवनकाल में भी नहीं पैदा कर सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक Gamma Ray Burst सिर्फ कुछ मिलीसेकेंड्स से लेकर के कुछ मिनट तक का ही होता है पर जो भी चीज़ इसकी चपेट में आती है वह इसके रेडियेशन से हमेशा के लिए खत्म हो जाती है। वैसे तो ब्रह्माण्ड में हर पल इस तरह के उर्जा के भयानक विस्फोट होते ही रहते हैं. यदि इस प्रकार का विस्फोट हमारे सौर मंडल के आस पास भी हुआ तो सब कुछ हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगा , गामा रे किसी जीव के डीएनए तक को बदलने की क्षमता रखती है , गामा रे का यह विस्फोट तब संभव होता है जब को दो अत्यधिक चुंबकीय पिंड या महा पदार्थ जैसे की ब्लैक होल या न्युट्रान तारा के चुंबकीय क्षेत्र आपस में टकरा जाते है जिससे तूफान के रूप मैं फोटानो का चक्रवात मुक्त होता है जो की गामा किरणों का बड़ा समूह होता है ,और यहाँ ब्रमांड के अनेको प्रकाश वर्ष तक फैल जाता है और चपेट में आने वाली हर वस्तु को उसके परमाणु बिंदु तक नष्ट कर देता है, और ऊर्जा मुक्त करता जाता है ,गामा रे बहुत ही लक्ष्यित और संकीर्ण किरणे होती है।
हमारी धरती के आसपास फ़िलहाल कोई GRB नहीं पाया गया है , मगर यदि भविष्य में हमारे पास यदि कोई गामा विस्फोट होता है तो गामा विकिरण हमारी वायुमंडल की ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से क्रिया कर नाइट्रोजन ऑक्साइड या नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड बना लेंगे, सबसे पहला असर हमारी ओजोन परत पर वो ओजोन को नष्ट कर देगा और सूर्य के विकिरण जीवन नष्ट कर सकते है ,दूसरा असर ये होगा की नाइट्रोजन डाइऑक्साइड एक जहरीला धुंध या धुएं का तूफान खड़ा कर देगा जो जीवो और वनस्पति आसानी से नष्ट कर सकता है, और वायुमंडल को घेर कर हमेशा के लिए अँधेरा कर सकता है, और लम्बे समय के लिए नाइट्रिक एसिड की बारिश शुरू कर सकता है। WR -104 ( Wolf–Rayet star ) सबसे करीब का तारा है जो भविष्य मैं गामा विस्फोट का कारण बन सकता है। मगर WR 104 हमसे 8000 प्रकाश वर्ष दूर है , बहुत कम आसार है की उसके गामा फोटान हमसे टकरा जाये। हमारी मिल्की वे आकाश गंगा में अभी कोई तारा या ब्लैक होल या चुंबकीय तूफान मौजूद नहीं है जो गामा विस्फोट करे। यदि ऐसा कुछ भविष्य मैं होता है तो हमारी टेक्नोलॉजी भी हमें नहीं बचा पायेगी ,इस विस्फोट की तुलना शिव की तीसरी आँख से भी की जा सकती है।